Source Of Supplements: आयुर्वेदिक ग्रंथों में कहा गया है - "यथा आहार, तथा शरीर", अर्थात जैसा हम खाते हैं, वैसा ही हमारा शरीर बनता है। प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में प्राकृतिक और संतुलित आहार को स्वास्थ्य का आधार माना जाता है।
Source Of Supplements: प्रकृति का खजाना, स्वास्थ्य की राह
आज की व्यस्त जीवनशैली और प्रदूषित वातावरण के कारण हमारी खुराक में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होना आम बात हो गई है। इस कमी को पूरा करने के लिए ही पूरक तत्वों (Supplements) का सहारा लिया जाता है।
2- साबुत अनाज: गेहूं, जौ, मक्का, बाजरा जैसे साबुत अनाज फाइबर, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। ये धीरे-धीरे पचते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वहीं, शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
3- दालें और फलियां: प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और आयरन का समृद्ध स्त्रोत होने के कारण दालें और फलियां शाकाहारियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हैं। मूंग, राजमा, चना, उड़द और मसूर की दालों को अपनी खुराक में नियमित रूप से शामिल करने से आप प्रोटीन की कमी को आसानी से दूर कर सकते हैं।
4- नट्स और सीड्स: बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, फ्लेक्स सीड्स, चिया सीड्स जैसे सूखे मेवे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन ई, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं। इन्हें स्नैक्स के रूप में या सलाद में डालकर खाने से आप आसानी से इनके लाभ उठा सकते हैं।
5- दूध और डेयरी उत्पाद: कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन का समृद्ध स्त्रोत होने के कारण दूध और डेयरी उत्पाद हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए डेयरी उत्पादों का सेवन आवश्यक होता है। दही, पनीर, छाछ जैसे उत्पादों को अपनी खुराक में शामिल करने से आप कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं और हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं।
6- घी और तेल: स्वस्थ वसा, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स का स्रोत होने के कारण घी और तेल शरीर के लिए आवश्यक हैं। हालांकि, इनका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। तिल का तेल, सरसों का तेल, नारियल का तेल जैसे ठंडे-दबाए गए तेल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन्हें खाना पकाने में सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने से आप आवश्यक मात्रा में वसा ग्रहण कर सकते हैं।
8- मसाले और सुगंधित पदार्थ: हल्दी, लहसुन, अदरक, जीरा, धनिया, मेथी आदि मसालों में एंटीऑक्सीडेंट्स और औषधीय गुण पाए जाते हैं। ये पाचन तंत्र को सुचारू बनाते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और शरीर को सूजन से बचाते हैं। इन्हें अपने दैनिक भोजन में शामिल करने से आप प्राकृतिक रूप से अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं।
9- हर्बल चाय और काढ़े: आयुर्वेद में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का सदियों से उपयोग किया जा रहा है। तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, नीम, सहजन आदि पौधों से बने काढ़े और हर्बल चाय शरीर को डिटॉक्स करते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। अपनी पसंद के हिसाब से इनका सेवन करना आपको स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
कृपया ध्यान दें: यह लेख सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है और यह किसी चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी पूरक तत्व का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें। धन्यवाद।
परन्तु क्या आप जानते हैं कि इन पूरक तत्वों का स्रोत कहाँ छिपा होता है? प्रकृति के कोने-कोने में मौजूद विविध खाद्य पदार्थों में इन पोषक तत्वों का भण्डार छिपा है, बस जरूरत है उसका उपयोग करने की कला सीखने की।
Supplements: प्राकृतिक पूरक तत्वों के भण्डार
इस लेख "Source Of Supplements: Boost Immunity With These 9 Secret Power Foods" में हम उसी को समझेंगे और प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होने वाले पूरक तत्वों के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही, हम यह भी देखेंगे कि इन तत्वों को अपनी खुराक में कैसे शामिल किया जाए, ताकि हम स्वस्थ एवं सुखी जीवन का निर्वहन कर सकें।Boost Immunity With These 9 Secret Power Foods: Source Of Supplements
1- फल और सब्जियां: प्रकृति का यह अनमोल उपहार विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का खजाना है। हरे पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी, धनिया), खट्टे फल (नारंगी, नींबू), गाजर, टमाटर, शकरकंद आदि ऐसे कुछ उदाहरण हैं जो विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इनको अपनी दैनिक खुराक में शामिल करने से आप शरीर की पोषण संबंधी जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।क्या आप जानते हैं : टमाटर सूप के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits Of Tomato Soup)
2- साबुत अनाज: गेहूं, जौ, मक्का, बाजरा जैसे साबुत अनाज फाइबर, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, आयरन और मैग्नीशियम के अच्छे स्रोत हैं। ये धीरे-धीरे पचते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वहीं, शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
3- दालें और फलियां: प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और आयरन का समृद्ध स्त्रोत होने के कारण दालें और फलियां शाकाहारियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी हैं। मूंग, राजमा, चना, उड़द और मसूर की दालों को अपनी खुराक में नियमित रूप से शामिल करने से आप प्रोटीन की कमी को आसानी से दूर कर सकते हैं।
4- नट्स और सीड्स: बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, फ्लेक्स सीड्स, चिया सीड्स जैसे सूखे मेवे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन ई, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं। इन्हें स्नैक्स के रूप में या सलाद में डालकर खाने से आप आसानी से इनके लाभ उठा सकते हैं।
5- दूध और डेयरी उत्पाद: कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन का समृद्ध स्त्रोत होने के कारण दूध और डेयरी उत्पाद हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए डेयरी उत्पादों का सेवन आवश्यक होता है। दही, पनीर, छाछ जैसे उत्पादों को अपनी खुराक में शामिल करने से आप कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं और हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं।
6- घी और तेल: स्वस्थ वसा, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड्स का स्रोत होने के कारण घी और तेल शरीर के लिए आवश्यक हैं। हालांकि, इनका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए। तिल का तेल, सरसों का तेल, नारियल का तेल जैसे ठंडे-दबाए गए तेल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन्हें खाना पकाने में सीमित मात्रा में इस्तेमाल करने से आप आवश्यक मात्रा में वसा ग्रहण कर सकते हैं।
7- शहद: प्राकृतिक मिठास के साथ ही शहद ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है और इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं। हालांकि, इसकी मात्रा का सेवन सीमित रखना चाहिए क्योंकि इसमें प्राकृतिक शर्करा भी होती है। खाने के बाद एक चम्मच शहद का सेवन करना लाभकारी होता है।
8- मसाले और सुगंधित पदार्थ: हल्दी, लहसुन, अदरक, जीरा, धनिया, मेथी आदि मसालों में एंटीऑक्सीडेंट्स और औषधीय गुण पाए जाते हैं। ये पाचन तंत्र को सुचारू बनाते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और शरीर को सूजन से बचाते हैं। इन्हें अपने दैनिक भोजन में शामिल करने से आप प्राकृतिक रूप से अपने स्वास्थ्य की देखभाल कर सकते हैं।
9- हर्बल चाय और काढ़े: आयुर्वेद में औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों का सदियों से उपयोग किया जा रहा है। तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, नीम, सहजन आदि पौधों से बने काढ़े और हर्बल चाय शरीर को डिटॉक्स करते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। अपनी पसंद के हिसाब से इनका सेवन करना आपको स्वस्थ रखने में मदद करेगा।
Source Of Supplements का चयन और सावधानियां:
प्रकृति में पाए जाने वाले ये पूरक तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। हालांकि, इनका चयन और सेवन करते समय कुछ सावधानियां रखना जरूरी है।- परामर्श लें: यदि आपको किसी विशेष पोषण संबंधी कमी है या आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो पूरक तत्वों का चयन करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
- गुणवत्ता चुनें: केवल प्राकृतिक और प्रमाणित ब्रांड के पूरक तत्वों का ही चयन करें। रासायनिक और मिलावटी उत्पादों से बचें।
- मात्रा पर ध्यान दें: हर पूरक तत्व की अनुशंसित मात्रा होती है। इस मात्रा से अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। लेबल पर दिए निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
- आहार पर जोर दें: पूरक तत्वों का उपयोग किसी भी तरह से संतुलित आहार का विकल्प नहीं है। प्राकृतिक खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों को ग्रहण करना सबसे अच्छा तरीका है।
निष्कर्ष:
प्रकृति का खजाना हमें बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए सभी आवश्यक तत्व प्रदान करता है। हमें बस इन तत्वों को पहचानने और उनका उपयोग करने की कला सीखनी होगी। प्राकृतिक पूरक तत्वों (Supplements) को अपनी खुराक में शामिल करके हम एक स्वस्थ और सुखी जीवन का निर्माण कर सकते हैं।यह लेख आपको इस राह पर चलने के लिए प्रेरित करे, यही इसकी सफलता होगी। इसी तरह स्वास्थ्य से सम्बंधित अन्य जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट www.treatmeinhindi.in को फॉलो करें और अपने दोस्तों एवं सगे सम्बन्धियों को भी शेयर करें।
कृपया ध्यान दें: यह लेख सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए लिखा गया है और यह किसी चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी पूरक तत्व का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लें। धन्यवाद।