Hypertension कोई रोग नहीं है बल्कि एक लक्षण है जो हृदय, गुर्दे या रक्त संचालन प्रणाली में रोग हो जाने से उत्पन्न होता है ।यह रोग वंशानुक्रम द्वारा हो सकता है । व्यक्ति अपने जीवन की किसी भी अवस्था में इसरोग से ग्रसित हो सकता है। इस लेख में हम Hypertension Treatment In Hindi के बारे में विस्तार से बताएँगे।
तनावपूर्ण जीवन उच्च रक्तचाप का महत्वपूर्ण कारण है, व्यक्ति क्रोध, डर, दुख आदि संबेगों से ग्रस्त रहता है तो शीघ्र ही रक्तचाप में वृद्धि हो जाती है ।
प्रारंभिक अवस्था में - सिर दर्द, चक्कर आना, दिल की धड़कन तेज होना, सिर में भारीपन होना, आलस आना, काम में मन न लगना।
दूसरी अवस्था में - उल्टी होना, जी घबराना, अत्यधिक बेचैनी, पाचन संबंधी विकारों का होना,
तीसरी अवस्था में - नाक से रक्त आना, हृदय में दर्द, हाथ पैर में झनझनाहट या भुनभुनाहट,
विशेष नोट :-
सी.जी.पी. (क्रैटिगस ऑक्साय कैंथा मूलांक) 8 बूंदें + ग्लोनॉयिन 2X एक बूंद + पैसिफ्लोर मूलार्क 12 बूंदें इन सब को मिश्रित कर दें। जब कोई लक्षण रोगी के ना मिलें तो यह मिश्रण दीजिए,
आज वर्तमान समय में एलोपैथिक में उच्च रक्तचाप / हाइपरटेंशन के लिए के लिए बहुत सारी दवाएं मार्केट में उपलब्ध है। मैं यहां पर आपको कुछ दवाओं के नाम बता रहा हूं जो उच्च रक्तचाप में काम करती हैं।
Q.2-हाईपरटेंशन के कारण क्या हैं?
Q.3- हाईपरटेंशन के लक्षण क्या होते हैं?
Q.4- हाईपरटेंशन के उपचार में क्या शामिल होता है?
Q.5- हाईपरटेंशन के लिए दवाइयों के नाम क्या हैं?
Q.6- क्या हाईपरटेंशन से बचाव के लिए कुछ आहार विकल्प होते हैं?
Q.7- क्या हाईपरटेंशन लिंग के लिए खतरनाक हो सकता है?
Q.8- क्या हाईपरटेंशन घरेलू नुस्खों से ठीक किया जा सकता है?
Q.9- क्या हाईपरटेंशन ठीक हो सकता है?
Q.10- क्या हाईपरटेंशन अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं होता है तो क्या करें?
उच्च रक्तचाप के कारण :- Causes Of Hypertension Treatment In Hindi
तनावपूर्ण जीवन उच्च रक्तचाप का महत्वपूर्ण कारण है, व्यक्ति क्रोध, डर, दुख आदि संबेगों से ग्रस्त रहता है तो शीघ्र ही रक्तचाप में वृद्धि हो जाती है ।- जो व्यक्ति वसा युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, अधिक मोटे लोग जो शारीरिक परिश्रम कम करते हैं उनके रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है।
- गर्भवती व वृद्ध भी उच्च रक्तचाप के शिकार हो सकते हैं।
- धूम्रपान, मदिरापान, अन्य नशीले पदार्थों का सेवन, सुजाक रोग, कई इस्त्रियों से सहवास करना, मूत्र ग्रंथि की बीमारी, मधुमेह, गठिया, बहुत मानसिक परिश्रम करने वाले,
- पाचन में गड़बड़ी, यकृत दोष, कब्ज, ज्यादा खाना, दांतों से पीप आना, दूषित गलग्रंथि, पुरानी पित्तनली की बीमारी आदि कारणों से उच्च रक्तचाप हो सकता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण:-
प्रारंभिक अवस्था में - सिर दर्द, चक्कर आना, दिल की धड़कन तेज होना, सिर में भारीपन होना, आलस आना, काम में मन न लगना।
दूसरी अवस्था में - उल्टी होना, जी घबराना, अत्यधिक बेचैनी, पाचन संबंधी विकारों का होना,
अफारा, कब्ज, अजीर्ण, तथा अरुचि, आंखों के आगे धुंधलापन छाना, नींद ना आना।
तीसरी अवस्था में - नाक से रक्त आना, हृदय में दर्द, हाथ पैर में झनझनाहट या भुनभुनाहट,
कानों में धूं धूं जैसी आवाज़ होना, हृदय गति अवरुद्ध होने लगती है तथा मृत्यु भी हो सकती है।
उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक उपचार - Hypertension Treatment In Hindi
- तरबूज के बीज छाया में सुखाएं, दो चम्मच बीज को पीसकर एक कप उबले गर्म पानी में एक घंटा भीगने दें,
- ठंडा होने पर उस पानी को अच्छे से हिला कर छान लें और पी जाएं, इस प्रकार की चार खुराक नित्य प्रतिदिन पिए।
- अतिरिक्त दबाव होने पर शहद शरीर पर शामक प्रभाव डालकर रक्त वाहिकाओं की उत्तेजना को घटाकर उसको शिरोड़कर अतिरिक्त दबाव को घटाता है।
- उच्च रक्तदाब वाले रोगियों के पैरों के तलवों वह हथेली पर मेहंदी का लेप समय-समय पर करने से आराम मिलता है।
- बाजरे की रोटी शहद के साथ सेवन करने से उच्च रक्तचाप, बवासीर एवं क्षय रोग में फायदा करती है।
- एक कप चुकंदर के रस में एक कप गाजर का रस तथा आधा कप पपीता व संतरे का रस मिलाकर दो बार दिन में दो बार लेने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है।
- उच्चरक्तचाप, अपाच, उदर में जलन, मांसपेशियों की ऐंठन आदि के लिए
- नारंगी रंग की शीशी या कांच की बोतल में गोमूत्र को सूर्य तप्त करके दिन में 4 बार सेवन करना लाभदायक रहता है।
- पुदीना निम्न एवं उच्च रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है इसके लिए पुदीने की चटनी एवं रस का उपयोग किया जा सकता है
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों को बिना चीनी एवं नमक डालें ही पुदीने का सेवन करना चाहिए।
- रक्तचाप सामान्य रखने हेतु नींबू के रस का प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है, पानी में नींबू निचोड़ कर दिन में कई बार पीने से लाभ होता है।
- प्याज का रस और शुद्ध शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोजाना दो चम्मच की मात्रा में दिन में एक बार लेने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। यह एक बहुत ही प्रभावकारी देसी घरेलू इलाज है।
- प्याज, लहसुन और अदरक की मात्रा समान मात्रा लेकर इनका सेवन करने से उच्च रक्तचाप में अत्यंत लाभ होता है, तीनों के मिश्रित रस एक - एक तोला सवेरे शाम सेवन करना चाहिए।
- उच्च रक्तचाप के रोगियों को नियमित रूप से पके पपीते का सेवन करना चाहिए, पपीते में वह गुण है जिससे कि उच्च रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
- यदि रक्तचाप के रोगियों ने इस प्रयोग को अभी तक नहीं आजमाया है तो आज ही अब आजमाएं, चमत्कारिक फायदा होगा।
- उच्च रक्तचाप वालों को साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का सेवन करना चाहिए।
- आधा किलो लहसुन को छीलकर चार-पांच दिन तक धूप में सुखाएं। फिर कांच की बनी शीशी या बर्नी में रखकर इतना शहद भरें कि उसमे लहसुन डूब जाए।
- इस बर्नि या कांच की शीशी को 15 दिन तक धूप में रखें। इसके बाद इसमें से दो दो कली लहसुन की सुबह-शाम खाकर एक कप दूध पीना है / पीना चाहिए।
- कुछ दिन तक यह उपाय करते रहने से उच्च या निम्न रक्तचाप, लो या हाई ब्लड प्रेशर, दोना सामान्य हो जाते है।
- उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति को तरबूज के रस में सेंधा नमक और काली मिर्च डाल कर खाना लाभप्रद रहता है। आंवला, सर्पगंधा और गिलोय का चूर्ण बनाकर 2- 2 ग्राम की मात्रा को जल के साथ लेने से उच्चरक्तचाप कम होता है।
- केले के तने का रस आधा आधा कप दिन में दो बार पीने से बढा़ हुआ रक्तचाप ठीक हो जाता है।
- प्रातः 25 ग्राम नीम की पत्ती का रस लेना उच्च रक्तचाप बालों के लिए लाभदायक रहता है।
- उच्च रक्तचाप होने पर दो सेब खाने से लाभ होता है।
- उच्च रक्तचाप होने पर नींबू का रस व अदरक का रस और शहद इन तीनों को घोल लें। इस घोल की एक-एक चम्मच लेने से रक्तचाप सामान्य रहेगा। इसे लंबे समय तक लें।
- आंवले का मुरब्बा प्रातः नित्य खाने से उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है।
- केले में सोडियम कम होता है, पोटेशियम पर्याप्त होता है जो उच्च रक्तचाप नियंत्रण के लिए आवश्यक है।
- प्रातः काल नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पिए यह उच्च रक्तचाप को घटाता है।
- ककड़ी का रस पीना निम्न व उच्च दोनों प्रकार के रक्तचाप में लाभदायक है। आलू रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है इसलिए उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएं।
- 6 बूंद लहसुन के रस को चार चम्मच पानी में मिलाकर दो बार नित्य पिलाएं इससे उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को राहत मिलती है।
- चौलाई, पेठा, अरबी, टिंडा, छाछ आदि उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए लाभदायक है।
- लम्बे समय तक चावल खाते रहने से कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है और रक्तचाप भी ठीक हो जाता है।
- जिनके शरीर में रक्त की कमी हो टमाटर के रस में नींबू का रस मिलाकर सेवन करें।
- मूली के छोटे-छोटे टुकड़ों में नींबू तथा अदरक का रस मिलाकर खाने से रक्तचाप में बहुत लाभ होता है।
- 24 ग्राम किशमिश एक गिलास में डालें, उसमें एक नींबू का रस और पानी भर दे।
- गिलास को रात में खुला ओस में रख दें।
- प्रातः काल गिलास को हिलाकर रस को पी जाएं और किशमिश एक-एक करके चबा - चबा कर खा जाए
- यह शक्ति वृद्धि करता है और उच्च रक्तचाप की वजह से आई कमजोरी को दूर करता है।
- 40 ग्राम किशमिश, 6 मुनक्के, 6 बादाम, 6 पिस्ते इन सभी को रात को आधा किलो पानी में कांच के बर्तन में भिगो कर रख दें।
- प्रातः इसे पीसकर छान लें अब इसमें एक चम्मच शहद और एक नींबू निचोड़ कर भूखे पेट पियें।
- इससे शारीरिक और मानसिक कमजोरी व थकान दूर होती है।
- इंद्रियों को शक्ति मिलती है और रक्तचाप में आराम मिलता है।
उच्च रक्तचाप का होम्योपैथिक उपचार : Homeopathic - Hypertension Treatment In Hindi
- नक्स वोमिका 30 और बेलाडोना 30 - दोनों को अलग-अलग समय पर दें मान लीजिए nux-vomica को अगर सुबह दिया तो Beladona को शाम के समय देना है।
- एकोनाइट नेपेलस - तेज उच्च रक्तदाव में जब रोगी की बांह के नीचे आलपिन और सुइयां चुभी हुई प्रतीत हो तो यह लाभकारी है ।
- इग्नेशिया - यदि मानसिक आघात से उच्च रक्तदाव हो तो यह दवा काम करती है।
- फास्फोरस - जो रोगी नमक की तीव्र इच्छा करते हैं यह दवा विशेषकर इसके दुष्परिणामों में हितकर है ।
- बैराइटा मयूर 6X - विशेषकर बूढ़े लोगों के उच्च रक्तचाप को शीघ्र ठीक करता है ।
- यदि ब्लड प्रेशर गुर्दों की खराबी, कैल्शियम युक्त रक्त नलिका से हो तो इससे लाभ नहीं होता, लेकिन अन्य सामान्य व्यक्तियों को शीघ्र लाभ होता है ।
- एड्रीनैलिन 200 से 10 M - उच्च रक्तदाव और इसके परिणामों में देने से यह अच्छा काम करती है।
- बेरेट्रम विरिड - अति कष्ट, दीर्घ श्वास तथा निश्वास लेना, तेजी से श्वास लेना और साँस के लिए हाफना आदि, चाहे नए या पुराने उच्च रक्तदाब किसी में भी हो यह आराम देती है।
- ग्लोनॉयिन 200 - इसकी उच्च शक्ति से उच्च रक्तदाव कम होता है।
- श्वास कष्ट के साथ हृदय की धड़कन, चक्कर, आंखों के सामने चिंगारियां, काले धब्बे उड़ते दिखाई दें।
- उस मरीज को ज्यादा लाभ होता है ।
- रॉवलफिया सरपेंटिना मूलार्क - उच्च रक्तचाप में यह उपयोगी है। इसकी 15 बूंदे दो चम्मच पानी में 5 बार नित्य दें।
- एलियम सैटाइबा मूलार्क - मांसाहारी, जो खाना अधिक खाते हैं। उनको यह दवा दी जाती है ।
- नेट्रम म्यूर 200 IM, 10M - जिन्हें नमक खाने की इच्छा अधिक हो, मानसिक रूप से दुखी हो, उन मरीजों को यह दवा काम करती है ।
- औरम मैटालिकम 30, 200 - उच्च रक्तदाब यदि प्रेम में निराश या दुखी होने पर, क्रोध के कारण, सिर में बहुत दर्द, चक्कर, थोड़ा सा परिश्रम करते ही कलेजा धड़कना,
- नाड़ी की गति दुर्बल, अनिद्रा, द्वि-दृष्टि, ऐसा लगता है मानो 2 से 3 सैकेंड हृदय की धड़कन बंद हो जाती है, ऐसे मरीजों को यह लाभ करती है।
- लैकेसिस 200 IM, 10 M - इससे अधिकतर रोगियों को लाभ होता है।
- सर्वप्रथम इसकी एक मात्रा दें।
- खुले ढीले कपड़े पहनने की चाह, नींद से उठने पर रोग वृद्धि वाले लक्षण होने पर यह काम करता है।
- ब्रायोनिया 30 + रस टॉक्स - 30 - दोनों को मिश्रित कर दिन में दो बार एवं बेलाडोना 3 रात को एक बार लंबे समय तक लेते रहने से उच्च रक्तचाप नियंत्रण में रहता है ।
- जेल्सीमियम 200 IM - चिंताजनक समाचार सुनने के आघात से उच्च रक्तदाव होने पर इसे दिया जाता है।
- बैराइटा कार्ब 6 - हृदय में पीड़ा तथा माथे में भयंकर चक्कर, शरीर की मुख्य ग्रंथियां कड़ी और फूली हुई जैसे लक्षण होने पर इस दवा के लाभ मिलते हैं।
- सैंग्विनेरियाकेन 30 - जब रोग का आरंभ और प्रसार वय: संधिकाल में हो। सूर्यावर्त की भांति यानी कि जैसे-जैसे सूर्य उगता है और दोपहर होते-होते शाम होती है
- उसी तरीके से सुबह सर का दर्द हल्का और सूर्य की गर्मी बढ़ते बढ़ते सर का दर्द तेज होता जाना और शाम तक सर दर्द बंद हो जाना।
- अंधेरी जगह में रहने से कष्टों में कभी गालों पर लाली तथा सिर दर्द से सर्वाधिक कष्ट हो तो यह दवा विशेष लाभ करती है।
- कोनियम 30, 200 - मस्तक में भयंकर कमजोरी, विचार करने में असमर्थ, स्मरण शक्तिहीन, हृदय स्पंदन तीव्र, खड़े होने पर पैर कांपना,
- कमजोरी, सिर में भारीपन, दर्द और सिर हिलाते ही चक्कर, शरीर की ग्रंथियों में सूजन और कड़ापन हो तो
- यह दवा विशेष लाभ करती है। यह अविवाहितों के लिए प्रमुख औषधि है ।
- बेलाडोना 30 - चेहरे, माथे और आंखों में लाली, सिर में चक्कर और तेज दर्द, कनपटियों में तपकन, चमड़ी चमकीली और गर्म, नाड़ी तेज और कड़े स्ट्रोक वाली,
- इन लक्षणों में यह दवा आश्चर्यजनक काम करती है।
- गर्म लेकिन प्यास नहीं होना, इसे ग्लोनॉयिन 30 के साथ पर्यायक्रम से देने से शीघ्र लाभ होगा।
- ग्लोनॉयिन के प्रमुख लक्षण कनपटियों में दर्द, धूप व गर्मी से वृद्धि इन लक्षणों में यह दवा विशेष लाभ करती है।
विशेष नोट :-
उच्च रक्तचाप के लिए होम्योपैथिक ट्रीटमेंट इन हिंदी : जब कोई लक्षण रोगी के ना मिलें तो यह मिश्रण दीजिए -
सी.जी.पी. (क्रैटिगस ऑक्साय कैंथा मूलांक) 8 बूंदें + ग्लोनॉयिन 2X एक बूंद + पैसिफ्लोर मूलार्क 12 बूंदें इन सब को मिश्रित कर दें। जब कोई लक्षण रोगी के ना मिलें तो यह मिश्रण दीजिए,
इससे रोगी को आराम मिलता है सामान्य स्थिति बिगड़ती नहीं है।
उच्च रक्तचाप का बायोकैमिक उपचार : Biochemic - Hypertension Treatment In Hindi
- इस रोग में चक्कर आना, सिर भारी रहना, तबीयत परेशान रहना, रक्तचाप बहुत ज्यादा बढ़ जाने से जान का खतरा रहता है।
- कैल्केरिया फ्लोर 3x, कैल्केरिया फॉस 3X या 12x, फेरम फॉस 12x, काली म्यूर 3x, काली फॉस 3x, काली सल्फ 3x, मैग्नीशिया फॉस 3x, नेट्रम म्यूर 3x, नेट्रम फॉस 3x, नेट्रम सल्फ 3x, व साइलीशिया 12x मिलाकर दीजिए। यह दवा जादू सा काम करती है। कभी-कभी मिनटों में या सेकंडो में फायदा करती है।
- फेरम फॉस 3x, काली म्यूर 3x, और कैल्केरिया फॉस 3x - इन सबको मिलाकर बार-बार (दिन में 3 से 4 बार निश्चित समय अन्तराल पर) देने से शीघ्र लाभ होता है।
उच्च रक्तचाप का एलोपैथिक उपचार Allopathic : Hypertension Treatment In Hindi
आज वर्तमान समय में एलोपैथिक में उच्च रक्तचाप / हाइपरटेंशन के लिए के लिए बहुत सारी दवाएं मार्केट में उपलब्ध है। मैं यहां पर आपको कुछ दवाओं के नाम बता रहा हूं जो उच्च रक्तचाप में काम करती हैं।
Tenoric
Tenolol
Tenormin
Atelol
Emdopa
Methyldopa
Nicardia
Nephedine
Afenove
Betacard
Enace
Encardil
Lisoil
Invoril
Nuril
FAQ:-
Q.1- हाईपरटेंशन क्या होता है? A.- Hypertension एक स्थिति है जिसमें आपके रक्तचाप का स्तर अधिक होता है। इसे आमतौर पर "उच्च रक्तचाप" के नाम से जाना जाता है।
Q.2-हाईपरटेंशन के कारण क्या हैं?
A.- Hypertension causes हैं जैसे कि वजन का बढ़ना, नियमित रूप से धूम्रपान करना, अत्यधिक अल्कोहल खपाना, तनाव या तनाव से भरा जीवन जीना इत्यादि।
Q.3- हाईपरटेंशन के लक्षण क्या होते हैं?
A.- Hypertension symptoms शामिल हो सकते हैं: सिरदर्द, छाती में दबाव या तनाव, नसों का खिंचाव, नाक से खून आना या नजला, नज़ला या गले में खराश, अस्थायी नाक बंद हो जाना, दिल का दौरा या असामान्य निर्माण वाली सांसें।
Q.4- हाईपरटेंशन के उपचार में क्या शामिल होता है?
A.- हाईपरटेंशन के उपचार में दवाइयाँ, जीवन शैली में परिवर्तन, आहार व्यवस्था
Q.5- हाईपरटेंशन के लिए दवाइयों के नाम क्या हैं?
A.- हाईपरटेंशन के लिए कई प्रकार की दवाएं होती हैं जैसे कि थायाजाइड दवाएं, बीटा ब्लॉकर, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर, एंजायोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर और डायुरेटिक दवाएं।
Q.6- क्या हाईपरटेंशन से बचाव के लिए कुछ आहार विकल्प होते हैं?
A.- हाँ, हाईपरटेंशन से बचाव के लिए आप अपने आहार में कुछ बदलाव कर सकते हैं। आपको ऊंट के दूध, चाय, कॉफ़ी, अधिक नमक और तले हुए खाने से बचना चाहिए। इसके बजाय, आपको सेब, ब्रोकोली, शकरकंद, मटर, दूध और दही जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
Q.7- क्या हाईपरटेंशन लिंग के लिए खतरनाक हो सकता है?
A.- हाँ, हाईपरटेंशन लिंग के लिए खतरनाक हो सकता है। यह ब्लड वेसल को दमकल कर सकता है जो लिंग की संचार क्षमता को कम कर सकता है।
Q.8- क्या हाईपरटेंशन घरेलू नुस्खों से ठीक किया जा सकता है?
A.- हाँ, कुछ hypertension remedies हैं जो आपकी सेहत को सुधारने में मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं तुलसी, लहसुन, मेथी दाने, सौंफ़ और अमरूद के पत्ते। हालांकि, घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।.
Q.9- क्या हाईपरटेंशन ठीक हो सकता है?
A.- हाँ, हाईपरटेंशन ठीक हो सकता है लेकिन इसके लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आपको उचित दवाओं के साथ सही आहार व्यवस्था और नियमित व्यायाम के साथ आपके रक्तचाप को नियंत्रित करने की जरूरत होगी।
Q.10- क्या हाईपरटेंशन अच्छी तरह से नियंत्रित नहीं होता है तो क्या करें?
A.- यदि blood pressure control नहीं होता है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर आपको दूसरी दवाओं या उपचार के बारे में सलाह दे सकते हैं जो आपके लिए अधिक उपयोगी होंगे
विशेष नोट :-
मैंने यहां पर आप लोगों को जो Hypertension Treatment In Hindi बताए हुए हैं वह सभी सुरक्षित और कारगर है फिर भी आप लोगों से एक अनुरोध है कि आप लोग अपने किसी भी इलाज के लिए दवा शुरू करने से पहले एक बार किसी वेल क्वालिफाइड डॉक्टर से अपनी बीमारी के अनुसार सलाह अवश्य लें धन्यवाद्।