यहाँ मै अपने इस लेख Piles Treatment In Hindi में आपको बवासीर को ठीक करना , बवासीर के लछण या बवासीर की निशानी, परहेज के बारे में बताऊंगा। दोस्तों आज कल खुनी - बादी पाइल्स / बवासीर होना एक कॉमन प्रोब्लम हो गई है और हर एक घर में इसका मरीज जरूर मिलेगा।
Ques4- क्या Piles दवा से ठीक हो सकता है?
Ques6- पाइल्स में चावल खा सकते हैं क्या?
Ques8- क्या गर्म पानी पीने से बवासीर होता है?
Ques9 - बवासीर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
Ques10- बवासीर में दूध पी सकते हैं क्या?
Ques11- बवासीर में गुड़ खा सकते हैं क्या?
Ques12- क्या बिना सर्जरी के बवासीर से छुटकारा संभव है?
Ques14- पाइल्स होने के क्या कारण है?
Ques15- बवासीर में चाय पीने से क्या होता है?
Aesculus-Hip - मल त्यागने के बाद अत्याधिक दर्द होना, कमर में दर्द होना, जलन होना खुजली होना।
Acid-Mur - मलद्वार में अत्यधिक दर्द होता है। यहां तक की जरा सा छू जाने पर भी बहुत दर्द होता हैं मस्से नीले रंग के होते है।
Hamamelis - पाइल्स में काले रंग का रक्तस्त्राव (Bleeding)होता है।
Graphitis - कब्ज के कारण पाइल्स की तकलीफ हो, जलन बहुत हो, चर्म-रोग (Skin Disease) हो।
Capsicum - पाइल्स में अत्याधिक जलन होना, ब्लीडिंग होना, कमर में दर्द होना।
Aloe-Socotrina - पाइल्स में अंगूर के गुच्छे जैसे बहुत सारे मस्से बाहर की और निकल आते हैं, जिनमें ब्लीडिंग और दर्द होता है। कब्ज रहती है। मल त्यागने के बाद म्यूकस निकलता है।
Collinsonia - कब्ज बहुत रहता है। ऐसा लगता है मानो मलद्वार में बहुत बड़ी रुकावट हो। महिलाओं को होने वाला पाइल्स। गुदा में बहुत खुजली होती है।
परहेज :-
पाइल्स के रोगी को बादी चीजें जैसे उड़द की दाल, बैंगन, लाल-मिर्च, खटाई, ऐल्कोहल आदि का परहेज रखना चाहिए ताकि रोग जल्दी ठीक हो।
क्योंकि इसका कारण है पेट में होने वाली विभिन्न समस्याओं का होना और जिसका मुख्य कारण है हमारी लाइफ - स्टाइल या जीवन - शैली में बदलाव होना। दोस्तों वैसे मै आपको बता दूँ कि बवासीर कोई बीमारी नहीं है। यह एक लछण है, जिससे यह पता चल जाता है कि मरीज को पेट की गंभीर समस्या होने वाली है।
Piles Treatment In Hindi - Two Types
बवासीर :
बवासीर दो प्रकार की होती है।
- खूनी बवासीर
- वादी बवासीर
खुनी बवासीर - इसे ब्लीडिंग पाईल्स (Bleeding Piles) भी बोलते हैं। इसमें मरीज को खून आता है और कभी कभी ज्यादा खून आने की बजह से मरीज को कमजोरी भी आ सकती है।
मरीज का हीमोग्लोबिन लेवल भी कम हो सकता है, ऐसी स्थिति में मरीज को अपने किसी डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
ऐसी स्तिथि में आप मेरे द्वारा बताया हुआ खुनी बवासीर का इलाज Piles Treatment In Hindi भी प्रयोग कर सकते हैं।
वादी बवासीर - इसमें खून नहीं आता है, वादी बवासीर में गुदा मार्ग पर मस्से हो जाते हैं। यह मस्से 1mm से लेकर 2Cm तक मोटे और 2 Inch तक लम्बे हो सकते हैं। इससे गुदा मार्ग पर सूजन रहती है। ज्यादा सूजन होने पर मरीज को बैठने में बहुत दिक्कत।
यह दो प्रकार की होती है, अंदर की वादी बवासीर और बाहर की वादी बवासीर।
अंदर की बवासीर में मस्से अंदर की ओर होते हैं। ये चना मसूर के दाने के बराबर भी हो सकते हैं और इससे बड़े भी।
कब्ज की वजह से जब अंदर का मस्सा शौच करते समय जोर लगाने पर बाहर आ जाता है तो मरीज दर्द से तड़प उठता है और अगर मस्से छिल जाएं तो जख्म हो जाता है।
बाहर की बवासीर में मस्से Anus वाली जगह पर होता है। इसमें इतना दर्द नहीं होता। कभी-कभी मीठी खारिश या खुजली होती है। कब्ज होने पर इससे इतना खून आने लगता है कि कपडे तक ख़राब हो सकते हैं।
बवासीर (Piles) की निशानी या लछण :
- बवासीर के मरीज का डिजेसन बिगड़ जाता है, भूख नहीं लगती।
- कब्ज की शिकायत हो जाती है।
- गैस की समस्या होने लगती है।
- हार्ट, लीवर, आँतें भी कमजोर हो जाते हैं।
- आमतौर से शारीरिक कमजोरी हो जाती है।
- मरीजों के मुंह पर स्वेलिंग भी आ जाती है।
Piles Treatment - मात्र 20 रुपय में बवासीर ठीक करें :-
यहाँ हमने आपको प्राकृतिक तरीके से घर में ही मात्र 20 रुपय में खुनी और वादी दोनों बवासीर को ठीक करने का इलाज और परहेज बताया है।
वादी बवासीर का इलाज :
- 50 Gm रीठा लेकर तवे पर रख दें और किसी बर्तन से ढक दें और तवे के नीचे आधा घंटा आग जलाएं।
- रीठे भस्म हो जाएगा।
- रीठे की भस्म ठंडी होने पर बर्तन हटा दें और बारीक कर लें।
- अब इसे किसी महीना कपड़े से छान लें। रीठे की भस्म तैयार है।
- अब रीठे की भस्म 20 ग्राम + सफेद कत्था 20 ग्राम + कुश्ता फौलाद 3 ग्राम ले कर, ----> सबको बारीक करके आपस में मिला ले।
खुराक का तरीका :
1-1 Gm सुबह और शाम को ----> 20 ग्राम मक्खन में रखकर खाएं ----> और ढाई सौ ग्राम दूध पी लिया करें।
10 से 15 दिन यह खुराक खाएं। यह बहुत बढ़िया दवा है खूनी और बादी बवासीर दोनों को दूर करती है।
खूनी बवासीर का इलाज :
गेंदे के पेड़ के हरे पत्ते 10 Gm + काली मिर्च पांच दाने + कुंजा मिश्री या धागे वाली मिश्री 10 Gm -------> सभी को 60 ML पानी में रगड़ कर -----> मिलाकर, छान लें। यह एक खुराक है।
खुराक का तरीका :
- 4 दिन तक दिन में एक-एक बार पिए। प्रतिदिन ताजी खुराक बनायें।
- गर्म चीज ना खाएं और
- कब्ज ना होने दें।
खुनी और वादी बवासीर का परहेज :
मांस, मीट, मछली, अंडे, शराब, आम, अमचूर, अंगूर, कब्ज ना होने दें। और
नीचे लिखा मरहम मस्सों पर लगाएं।
बवासीर का मरहम बनाने की विधि :
वैसलीन सफेद 50 ग्राम, + कपूर 6 ग्राम, + सल्फा डायजिन की तीन गोलीयां, + बोरिक एसिड 6 Gm, ------> सब को अलग-अलग बारीक करके पीस लें।
अब छानकर वैसलीन में मिलाकर रख लें।
रात को सोते समय एवं सुबह सोंच जाने से पहले तथा सौंच या स्नान के बाद भी लगाएं।
दिन में एक दो बार रोजाना उंगली की सहायता से अंदर बाहर मस्सों पर लगाने से लाभ मिलता है।
Conclusion :
दोस्तों मेरी इस पोस्ट Piles Treatment In Hindi के माध्यम से आप जान चुके हैं कि बवासीर कोई बीमारी नहीं, बीमारी का एक लछण है।
और यह भी जान चुके हैं कि बवासीर क्या है , बवासीर के प्रकार , लछण या निशानी, इलाज, परहेज और बवासीर का मरहम।
दोस्तों मेँ एक डॉक्टर हूँ और मेरे द्वारा बताये हुए सभी इलाज (Treatment In Hindi) कारगर और पहले से ही कई मरीजों पर सफलतापूर्वक प्रयोग किये हुए होते हैं।
मैंने यहां पर आप लोगों को जो भी Treatment In Hindi में बताए हुए हैं वह सभी सुरक्षित और उपयोगी हैं। फिर भी आप लोगों से एक अनुरोध है कि आप लोग अपने किसी भी इलाज के लिए दवा शुरू करने से पहले एक बार किसी डॉक्टर से अपनी बीमारी के अनुसार सलाह अवश्य लें। धन्यवाद।
FAQ :- (Piles Treatment In Hindi)
Ques1- बवासीर को जड़ से खत्म कैसे किया जाता है?Ans. - बवासीर कोई बीमारी नहीं है , यह एक लछण है जो कि पेट की खराबी की वजह से होती है।
बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसके लिए जरुरी है कि पेट की सभी बीमारियों को ठीक रखा जाये। और इस लेख में बताये हुए खुनी और वादी इलाज को अपना कर बवासीर को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
Ques2- बवासीर में तुरंत आराम के लिए क्या करें?
Ans. - हमारी पाचन-शक्ति कमजोर होने और पेट की कई गड़वडियों या कब्ज की बजह से बवासीर हो जाती है। इसलिए बवासीर से तुरंत आराम के लिए पहले पेट की कब्ज को सही करें। इसके लिए पपीते का सेवन करें। पपीते में 'पपैन' नामक एंजाइम पाया जाता है। यह एंजाइम कब्ज और खुनी बवासीर का इलाज करने में काफ़ी मददगार होता है।
इसके साथ हल्का बिना मिर्च-मसाले वाला सुपाच्य भोजन का ही प्रयोग करें।
खाने के साथ या जब भी मन करे तो छाछ का सेवन करें।
खुनी बवासीर को रोकने के लिए डूब घास कब भी प्रयोग करते हैं।
रात में सोने से पहले १ गिलास गुनगुने दूध में १ चम्मच अंडी के तेल को मिला कर पिने से सुबह पेट अच्छे से साफ़ हो जाता है, और कब्ज से भी रहत मिलती है।
Ques3- बवासीर कितने दिन तक रहता है?
Ans. - बवासीर केवल एक लछ्ण है जो अधिकतर पेट की समस्याओं और पुरानी कब्ज होने की बजह से हो जाता है। जैसे ही मरीज के पेट की समस्याएं और कब्ज ठीक हो जाता है, बवासीर की समस्या भी ख़त्म हो जाती है।
Ques4- क्या Piles दवा से ठीक हो सकता है?
Ans. - हाँ , Piles दवा से ठीक हो सकता है। Click Here For More.....
Ques6- पाइल्स में चावल खा सकते हैं क्या?
Ans. - हाँ विल्कुल Piles में चावल खा सकते हैं।
लेकिन पाइल्स में केवल फाइबर युक्त Brown Rice जैसे साबुत अनाज, ओट्स, होल व्हीट, इत्यादि ज्यादा फाइबर वाला भोजन ही प्रयोग करें।
Ques8- क्या गर्म पानी पीने से बवासीर होता है?
Ans. - गर्म पानी पीने से बवासीर नहीं होता है। गर्म पानी तो पेट के लिए रामबाण का काम करता है। गर्म पानी पीने से कब्ज नहीं होती है और यदि कब्ज की शिकायत है तो गर्म पानी पीने से कब्ज दूर हो जाता है, मल त्यागने में कठिनाई नहीं होती, पेट अच्छे से साफ़ होता है। बवासीर के मरीजों को गर्म पानी फायदा करता है। यदि कोई भी गर्म पानी का सेवन हमेसा करता रहता है तो उसे कभी भी पेट की समस्याएं (जैसे कब्ज, गैस, अपच, बदहजमी, खट्टी डकारें) नहीं होती हैं।
Ques9 - बवासीर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
Ans. - गरिष्ठ और वादी भोजन, कटहल, अरबी, लाल-मिर्च, गरम-मसाला, तैलीय पदार्थ, राजमा, मसूर, बिन्स, पान-मसाला, सुपारी, गुटखा, सिगरेट, बाहर का खाना, फ़ास्ट-फ़ूड, चने की दाल, बेसन, बेसन से बने पदार्थ।
चाय, कॉफ़ी, माँस, शराब, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
Ques10- बवासीर में दूध पी सकते हैं क्या?
Ans. - जी हाँ, बवासीर में दूध पि सकते हैं। लेकिन अगर 1 गिलास दूध में 1 चम्मच अंडी / एरंड का तेल डाल कर रात में सोने से पहले पिएंगे तो ज्यादा फायदा करेगा। इससे सुबह पेट आराम से साफ़ हो जायेगा और कब्ज भी नहीं बनेगी।
Ques11- बवासीर में गुड़ खा सकते हैं क्या?
Ans. - हाँ बवासीर में गुड़ खा सकते हैं, लेकिन प्रतिदिन 5-10 Gm तक ही खा सकते हैं। क्योंकि गुड़ में Vit. A, Vit. B1, Vit. B2, Vit. C के अलावा कैरोटीन, निकोटिन, एसिड, आयरन, और फास्फोरस भी पाया जाता है। गुड़ पेट को साफ़ करने में भी मदद करता है।
Ques12- क्या बिना सर्जरी के बवासीर से छुटकारा संभव है?
Ans. - हाँ बिना सर्जरी के बवासीर से छुटकारा संभव है। आज कल चिकित्सा के छेत्र ने काफी तरक्की कर ली है। सर्जरी के अलावा भी कई ऐसी चिकित्सा पद्धति हैं जिससे बवासीर को ठीक किया जा सकता है। जैसे - आयुर्वेदिक, पंचकर्मा, होमियोपैथिक, नेचुरोपैथिक, यूनानी पद्धिति।
For Best Ayurvedic Doctor's In Kanpur - Contact On Whatsapp / Telegram
Ques14- पाइल्स होने के क्या कारण है?
Ans. - बवासीर होने का कारण अधिकतर पेट की समस्याओं और पुरानी कब्ज होना है।
इसका मुख्य कारण है हमारी लाइफ - स्टाइल या जीवन - शैली में बदलाव होना।
Ques15- बवासीर में चाय पीने से क्या होता है?
Ans. - चाय दो प्रकार की होती है। (१)- चायपत्ती वाली चाय और (२)- हर्बल टी / ग्रीन टी
दोस्तों यदि बवासीर में चायपत्ती वाली चाय पीते हैं, तो यह नुकसानदायक है क्योकि इसमें निकोटिन की मात्रा ज्यादा होती है जो कब्ज बनाने में सहायक होती। और यदि कब्ज बनेगी तो बवासीर को ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिए चायपत्ती वाली चाय पीना माना होती है।
लेकिन यदि बवासीर में Herbal Tea / Green Tea पीते हैं तो हर्बल चाय बवासीर को ठीक करने में मदद करती है। हर्बल चाय - बवासीर में मल द्वार पर होने वाली सूजन और मल त्याग के समय खून को सही करता है।
इसलिए बवासीर में Herbal Tea / Green Tea (Click Here For Best Herbal/Green Tea) प्रयोग कर सकते हैं।
Ques16- बवासीर के लिए होम्योपैथिक दवा कौन सी है?
Ans. - यहाँ में आप लोगों को कुछ Homeopathic Medicine के नाम बता रहा हूँ। कृपया इन मेडिसिन्स के प्रयोग से पहले अपने किसी Homeopathic Doctor की सलाह अवस्य लें।
Acid-Mur - मलद्वार में अत्यधिक दर्द होता है। यहां तक की जरा सा छू जाने पर भी बहुत दर्द होता हैं मस्से नीले रंग के होते है।
Hamamelis - पाइल्स में काले रंग का रक्तस्त्राव (Bleeding)होता है।
Graphitis - कब्ज के कारण पाइल्स की तकलीफ हो, जलन बहुत हो, चर्म-रोग (Skin Disease) हो।
Capsicum - पाइल्स में अत्याधिक जलन होना, ब्लीडिंग होना, कमर में दर्द होना।
Aloe-Socotrina - पाइल्स में अंगूर के गुच्छे जैसे बहुत सारे मस्से बाहर की और निकल आते हैं, जिनमें ब्लीडिंग और दर्द होता है। कब्ज रहती है। मल त्यागने के बाद म्यूकस निकलता है।
Collinsonia - कब्ज बहुत रहता है। ऐसा लगता है मानो मलद्वार में बहुत बड़ी रुकावट हो। महिलाओं को होने वाला पाइल्स। गुदा में बहुत खुजली होती है।
परहेज :-
पाइल्स के रोगी को बादी चीजें जैसे उड़द की दाल, बैंगन, लाल-मिर्च, खटाई, ऐल्कोहल आदि का परहेज रखना चाहिए ताकि रोग जल्दी ठीक हो।